1974 में जेपी आंदोलन में जेल जाने वाले आंदोलनकारियों के लिए 2009 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सम्मान देने का निर्णय किया था और उनके परिजनों को जेपी पेंशन देने की घोषणा की थी लेकिन आज भी बहुत से परिजन इस पेंशन की बांट जोह रहे हैं और उन्हें कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर भारतीय युवा एकता शक्ति पार्टी की जेपी सेनानी संपूर्ण क्रांति मंच रेडियो स्टेशन पास मीटिंग हुई। राष्ट्रीय अध्यक्ष नेहा सिंह ने संपूर्ण क्रांति मंच के साथ बैठक की और आंदोलनकारियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ने की बात रखी।
इस मीटिंग में जेपी आंदोलन में सम्मिलित लोगों को या उनके परिजनों को पेंशन मिलने की घोषणा के बावजूद भी लाभ नहीं मिलने की बात रखी गई। अध्यक्ष नेहा सिंह ने कहा कि जेपी आंदोलन में किसी भी आंदोलनकारी ने पेंशन की इच्छा के साथ भाग नहीं लिया था, वह निस्वार्थ देशप्रेम की भावना के साथ आंदोलन का हिस्सा बने थे और साथ ही उनमें से किसी ने भी सरकार से पेंशन की मांग नहीं की थी बल्कि खुद नीतीश सरकार ने उन्हें सम्मान देने की घोषणा की थी। आज उन्हें उनका यह अधिकार लेने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, जो इन देशप्रेमियों के सम्मान और प्रतिष्ठा पर आघात है।