आचार्य
रामचंद्र शुक्ल की जंयती पर जानते है की कैसा था उनका शिक्षा व साहित्य की नगरी काशी में योगदान। 1884 में बस्ती जिले के अगोना गांव
में जन्मे आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने काशी में हिंदी को समृद्ध किया। उन्होंने
स्वतंत्रता आंदोलन काल में हिंदी संरक्षण के लिए स्थापित संस्थान नागरी प्रचारिणी
सभा के हिंदी शब्द सागर को बतौर सहायक संपादक समृद्ध किया।